IMD Monsoon Alert 2025: देश के बड़े हिस्से इन दिनों झुलसा देने वाली गर्मी से बेहाल हैं। खासकर दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जिससे आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे में भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से आई नई जानकारी राहत देने वाली है। IMD के अनुसार इस साल 2025 में मानसून तय समय से पहले भारत में प्रवेश कर सकता है, जो न सिर्फ गर्मी से राहत देगा बल्कि कृषि और जल संसाधन के लिहाज से भी बेहद अहम साबित होगा।

बंगाल की खाड़ी से मानसून ने पकड़ी रफ्तार, अंडमान-निकोबार में सक्रियता
ताजा मौसम अपडेट्स के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अंडमान सागर और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में पहले से ही दस्तक दे दी है। साथ ही बंगाल की खाड़ी का दक्षिणी क्षेत्र भी मानसून की सक्रियता दिखा रहा है। हर वर्ष मानसून की शुरुआत यहीं से होती है और इस बार यह सामान्य से पहले प्रारंभ हो गया है।
निकोबार में भारी बारिश और तेज हवाओं का दौर
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया है कि निकटवर्ती क्षेत्रों में बीते कुछ दिनों में मध्यम से लेकर भारी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा अंडमान सागर और दक्षिण बंगाल की खाड़ी में तेज पछुआ हवाएं भी चल रही हैं। समुद्र तल से 1.5 से 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक हवा की गति 37 किमी प्रति घंटा से अधिक दर्ज की गई है। यह इस बात का संकेत है कि मानसून तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
यह भी देखे:-
- सुकन्या समृद्धि योजना 2025 हर महीने ₹250 या ₹500 जमा करें, पाएँ 74 लाख तक – बेटियों के लिए सुनहरा मौका!
सुकन्या समृद्धि योजना 2025 हर महीने ₹250 या ₹500 जमा करें, पाएँ 74 लाख तक – बेटियों के लिए सुनहरा मौका! - PM Kaushal Vikas Yojana Registration – युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग के साथ मिलेंगे ₹8000, जानिए रजिस्ट्रेशन का आसान तरीका
- Ration Card eKYC Update 2025: राशन कार्ड ई-केवाईसी अपडेट होना शुरू
- PM Kisan Yojana Big Update: ₹4000 आने वाले हैं खाते में? Check Your Name in 20th Installment List
मानसून को समर्थन दे रहे हैं मौसमी हालात/IMD Monsoon Alert 2025
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, ‘आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन’ (OLR) में कमी आई है, जो मानसून के लिए अनुकूल परिस्थिति दर्शाता है। OLR का घटने का अर्थ है कि वातावरण में बादलों का बनना बढ़ा है, जो वर्षा के लिए आवश्यक है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि सूर्य की ऊष्मा अब अंतरिक्ष में कम जा रही है, जिससे मानसून की ताकत बढ़ रही है।
जल्द ही अन्य हिस्सों तक पहुंचेगा मानसून
अगर मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही बैठती है, तो अगले 3-4 दिनों में मानसून दक्षिण अरब सागर, मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र, अंडमान और निकोबार द्वीपों और मध्य बंगाल की खाड़ी तक विस्तार पा सकता है। यह गति सामान्य से तेज़ है और संकेत दे रही है कि मानसून इस बार पूरे भारत में जल्दी पहुंचेगा।
27 मई तक केरल पहुंचने की संभावना
आमतौर पर मानसून केरल में 1 जून के आसपास दस्तक देता है, लेकिन इस साल यह तिथि पहले खिसक सकती है। अनुमान है कि 27 मई तक मानसून केरल के तटों पर पहुंच सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह 2009 के बाद पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी आएगा। 2009 में मानसून 23 मई को पहुंचा था।
इस साल सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद
IMD ने अप्रैल माह में ही यह अनुमान जताया था कि इस बार मानसून सामान्य से अधिक वर्षा लेकर आ सकता है। यह विशेष रूप से किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अच्छी बारिश से खेती, बिजली उत्पादन और जल संरक्षण में मदद मिलेगी। साथ ही ‘अल नीनो’ प्रभाव भी अब कमज़ोर पड़ता नजर आ रहा है, जिससे बारिश की संभावना और मजबूत हो जाती है।
भारत के लिए क्यों जरूरी है मानसून?
भारत में मानसून केवल मौसम की घटना नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा है। देश की लगभग 42% आबादी की आजीविका सीधे तौर पर मानसून पर निर्भर करती है। खेती, पीने का पानी, बिजली उत्पादन और जलाशयों की स्थिति मानसून पर ही टिकी रहती है। भारत की GDP में भी लगभग 18% योगदान मानसून आधारित कृषि से आता है।
निष्कर्ष: समय से पहले मानसून की दस्तक, राहत की उम्मीद
2025 के मानसून के समय से पहले आने की संभावना ने देशवासियों को बड़ी राहत की उम्मीद दी है। तपती गर्मी से जूझ रही जनता और खेती पर निर्भर करोड़ों लोगों के लिए यह खबर उत्साहजनक है। अगर IMD की भविष्यवाणी सटीक साबित होती है, तो यह साल मानसून के लिहाज से यादगार बन सकता है – समय से पहले बारिश और सामान्य से अधिक वर्षा के साथ।